फरीदाबाद। किसी को भी झूठे रेप केस में फंसाना व नाजायज पैसों की माँग करना आजकल एक तरह का फैशन हो गया है। लेकिन जो व्यक्ति ऐसे मामलों में आरोपी होता है, यदि बाद में वो निर्दोष साबित हो तो भी सामाजिक व परिवारिक रूप से उसे व उसके परिवार को अपना पूरा जीवन शर्मिंदगी में जीना पड़ता है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला फरीदाबाद के गांव झाडसैंतली से सामने आया है। एक विवाहित महिला के प्रेम प्रसंग में फंसे व्यक्ति को ना केवल रेप के एक मामले में महीनों जेल की हवा खानी पड़ी, बल्कि समाज के तिरस्कार का सामना भी करना पड़ा। आरोपी व्यक्ति को उसकी पत्नी और बच्चे ना केवल उसे छोडक़र चले गए बल्कि उसे अपना पुश्तैनी घर और गांव भी छोडक़र जाना पड़ा। लेकिन बाद में अदालत ने आरोपी व्यक्ति को तमाम आरोपों से बरी कर दिया और महिला पर जूठा केस चलाने को लेकर इसके लिए नोटिस तक जारी किया। आरोपी व्यक्ति को जिला अदालत के सीनियर एडवोकेट सुधाकर मुदगिल ने क़ानूनी लड़ाई के बाद तमाम आरोपों से बरी करवा लिया। लेकिन इससे पहले इस व्यक्ति को लंबी कानूनी जटिलता व प्रक्रिया का सामना करना पड़ा। जिसके बाद उसे इस सभी हालातों ने मानसिक रूप से बुरी तरह से तोडक़र रख दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार फरीदाबाद के झाडसैंतली गांव में रहने वाले तीन बच्चों के पिता ईश्वर का अपने ही पड़ोस में रहने वाली एक शादीशुदा महिला जिसका अपने ही पति से झगड़ा व अलगाव चल रहा था, उससे अफेयर शुरू हो गया। कुछ समय बाद महिला ने ईश्वर पर अपनी पत्नी को छोडक़र उसके साथ विवाह करने का प्रेशर बनाना शुरू कर दिया। लेकिन ईश्वर ने ऐसा करने से मना कर दिया। इससे नाराज महिला ने उसके खिलाफ महिला थाना पुलिस में रेप और जान से मारने की धमकी देने का जूठा आरोप लगाकर शिकायत दे दी। पुलिस ने इस मामले में महिला की शिकायत पर 8 जुलाई 2021 को मुकदमा दर्ज कर ईश्वर को गिरफ्तार कर लिया। तीन महीने तक उसे जेल के भीतर रहना पड़ा। जेल से जमानत पर आने के बाद ईश्वर ने सीनियर वकील सुधाकर मुदगिल के माध्यम से माननीय न्यायाधीश पुरूषोत्तम शर्मा की अदालत में केस लड़ा। सालों तक चले इस केस में एडवोकेट सुधाकर मुदगिल ने ठोस तरीके से ईश्वर के पक्ष में तमाम सबूत और दलील पेश की। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आखिरकार ईश्वर को इंसाफ देते हुए रेप सहित तमाम आरोपों से बाइज्जत बरी कर दिया। इसके बाद अदालत ने महिला को नोटिस जारी किया और कहा कि क्यों ना तुम्हारे ऊपर अदालत का समय और पैसा खराब करने के मामले में केस चलाया जाए। ईश्वर ने कहा कि उसे अदालत पर पूरा भरोसा था कि उसे इंसाफ जरूर मिलेगा। लेकिन इन सालों में ईश्वर का पूरा जीवन बदल गया और उसे अपना पुश्तैनी मकान गांव और परिवार भी छोडऩा पड़ा।

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